Menu
blogid : 949 postid : 3

जीत-हार

my thoughts
my thoughts
  • 40 Posts
  • 40 Comments
जिंदगी के खेल में,
जीत कभी हार है,
कोई इस पार तो,
कोई उस पार है,
पाप में फसा है कोई,
पुण्य को ढो रहा,
हर घरी कोई कही,
किस्मत पे रो रहा,
हाय! रे विधाता तुने,
कैसी खीची ये लकीर,
बेटा आवारा किसी का ,
बाप कंगाल है.
जिंदगी के खेल में,
जीत कभी हार है,…………………………….

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh